१. सोही रिझावे, ताल: तीनताल, लय: मध्य
Sohi rijhawe, Taal: Teentaal, Laya: Madhya
स्थायी
सोही रिझावे, सप्त सुरन के भेद, जो ही जाने पेहेचाने |
अंतरा
सबद अरु ताल सुरन की सेवा कियो है अपार,
ऐसो महा गुनियन को सब रसिक माने ||
This bandish has been contributed by Madhavi Kelkar – Chakradeo.
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This composition is by Pt. C.R.Vyas.