1. आज ब्रज में खेलत होरी, ताल: धमार लय: विलम्बित
स्थायी
आज ब्रज में खेलत होरी
शाम सुंदर गोपीयन संग |
अंतरा
अबिर गुलाल कुम कुम
केसर उडत है संग ||
This composition has been contributed by Meghana Sardar.
Other Comments:
This is a Dhrupad composition composed by Pt. Uday Bhawalkar.
2. अब मोरी मानले मितवा, ताल: तीनताल, लय: मध्य
स्थायी
अब मोरी मानले मितवा
तुमरे शरण आई आँगनवा |
अंतरा
जब देखू तब तो तुमारी
बाते लुभाई मनवा
तुमरे शरण आयी आँगनवा ||
This composition has been contributed by Alhad Alsi and Alok Alsi.
Other Comments:
This is Bandish in Raga Saraswati is composed by Pt. Dinkarrao (Bhayyasaheb) Deshpande.